बड़ा अजीब है रिवाज तेरे इस शहर का दिल मिलते नहीं, हाथ मिलाते चलें बड़ा अजीब है रिवाज तेरे इस शहर का दिल मिलते नहीं, हाथ मिलाते चलें
नशीली हो उठे फिर भोर नशीली हो उठे फिर भोर
अब उन खाली पन्नों में नए-नए रंग भरना है, किया नहीं जो बचपन में वो सब कुछ अब करना है।। अब उन खाली पन्नों में नए-नए रंग भरना है, किया नहीं जो बचपन में वो सब कुछ अब...
दर्द ज़िंदगी के कुछ इस कदर बढ़ गए कभी गीत तो कभी गजल बन गए जब से निकाल फेंका आप ने दि दर्द ज़िंदगी के कुछ इस कदर बढ़ गए कभी गीत तो कभी गजल बन गए जब से निकाल फें...
एक वायरस ने आकर , बना दी कितनी दूरी , दो प्रेमियों के बीच। एक वायरस ने आकर , बना दी कितनी दूरी , दो प्रेमियों के बीच।